
श्री मनकामेश्वर महादेव (उज्जैन)
📍 स्थान
यह प्राचीन मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध गंधर्ववती घाट में स्थित है और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
📖 पौराणिक कथा
- एक समय ब्रह्माजी प्रजा की कामना से ध्यान कर रहे थे, तभी एक सुंदर पुत्र उत्पन्न हुआ। ब्रह्माजी के पूछने पर उसने कहा कि वह उनकी इच्छा से उत्पन्न हुआ है। ब्रह्माजी ने उसे सृष्टि की रचना करने का आदेश दिया। वह पुत्र कंदर्प नामक था, जो बाद में कामदेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कामदेव ने महादेव की तपस्या करने का निश्चय किया, लेकिन महादेव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया, जिससे वह भस्म हो गया। उसकी पत्नी रति के विलाप करने पर आकाशवाणी हुई कि वह महाकाल वन में जाकर महादेव की पूजा करे, जिससे उसका मनोरथ पूर्ण होगा। कामदेव ने महाकाल वन में शिवलिंग की पूजा की, जिससे महादेव प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि उनका नाम कंदर्पेश्वर महादेव के रूप में प्रसिद्ध होगा। चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को जो व्यक्ति दर्शन करेगा, वह देवलोक को प्राप्त होगा।
🏛️ महत्व
- यहाँ दर्शन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
🙏 आस्था और दर्शन
- यह मंदिर भक्तों के लिए सौभाग्य और आशीर्वाद का स्थल माना जाता है।
📌 विशेष जानकारी
- यह "84 महादेव" श्रृंखला का तेरहवाँ मंदिर (13/84) है।
- यह मंदिर गंधर्ववती घाट में स्थित है, जो उज्जैन के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।