
श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव (उज्जैन)
📍 स्थान
यह मंदिर प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर परिसर के भीतर दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थित है और एक छोटे गर्भगृह में विराजमान है। इसका मंदिर परिसर लगभग 100 वर्ग फुट का बताया गया है।
📖 पौराणिक कथा
- एक कथा के अनुसार, यह शिवलिंग सृष्टि के आरंभ से ही अस्तित्व में था — सबसे पहले प्रकट हुआ, हजारों वर्ष पहले से—जिसमें अग्नि, सूर्य, पृथ्वी, दिशाएँ आदि सब सृष्टि के बाद आए। इसीलिए इसे “अनादिकल्पेश्वर” कहा जाता है।
- दूसरी कथा बताती है कि ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता का प्रश्न उठने पर आकाशवाणी आई कि महाकाल वन में एक शिवलिंग है जिसे किसी ने भी प्रथम या अंतिम नहीं देखा। ब्रह्मा उस लिंग के आरंभ-अंत की खोज में गए, पर सफल नहीं हुए। तब यह शिवलिंग “अद्वितीय” और अनादि—उत्कृष्ट स्वरूप माना गया।
🏛️ महत्व
- इस महादेव के दर्शन मात्र से अन्य सामान्य तीर्थों में किए गए अभिषेक से भी अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। यहाँ आने वाले भक्त चाहे पापों से ग्रस्त क्यों न हों, इस दिव्य लिंग के दर्शन करते ही वे पापों से शुद्ध हो जाते हैं।
🙏 आस्था और दर्शन
- यह मंदिर महाकाल यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआती पवित्र स्थल है। श्रद्धालु इसे देखकर आध्यात्मिक रूप से सशक्त और शुद्ध अनुभव करते हैं।
📌 विशेष जानकारी
- “84 महादेव” श्रृंखला में यह मंदिर पाँचवें क्रम पर आता है (05/84)।
- इसका नाम ही शिव का “अनादि संदर्भ” को दर्शाता है — अर्थात् शिव का सर्वोपरि, सभी सृष्टियों से पहले का स्वरूप।